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प्रोस्ट, या�ी लि िािबाज
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िही ह जो एि लम�ट पहि बताती ह लि आप अभी भी मद हो, अगि े
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ही लम�ट िह आपिो धोखा दिर ि सामा� ििर लिसी और ि साथ
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ििी जाती ह। आपिो पता भी �हीं िि पाता लि ऐसा हो रहा ह। आप
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पर यह सिट ऐस आता ह, जस लिसी लिश्व िस्तम्पय� � आपिो मक्का
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मार लदया हो।
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मत् �िी ि ल�िि भाग म िषिणों िा पता िि�ा प्रोस्ट िनसर िा
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सबस आस्तखरी सित होता ह, जब ज्यादातर परुष अपॉइटमनट िता ह।
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पीएसए (प्रोस्ट स सम्लधत एटीज�) िा बढ़ा हुआ स्तर प्रोस्ट िनसर
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िी पहिा� िा सबस सरि तरीिा होता ह। एि सामान्य रक्त जाि ह,
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पर ह बहुत महत्वपण, हािालि आप समस्ा िा पता िगा� ि लिए
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मात् इस पर ल�भर �हीं हो सित। सबस पहि तो, म आप सभी परुषों
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िो इस प्रिार िी खबर द� ि लिए षिमा िाहती ह। जहा साधारण रक्त
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जाि जरूरी ह, िहीं साथ म आपिो लडलजटि रक्ि जाि भी िरा ि�ी
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िालहए। मत्रोग लिलित्सि ि अ�सार, यह बता� ि लिए लि आपिो
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प्रोस्ट िनसर ह या �हीं, पीएसए ि साथ लडलजटि रक्ि जाि सबस े
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अच्ी रहती ह। इत�ी जल्दी आप बड़ी उम्मीद मत पाि ि�ा। याद रस्तखय,
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हमारा पािा िािबाज स पड़ा ह। अखरोट ि आिार िा यह िािबाज
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िई बार पीएसए और लडलजटि रक्ि जाि ि बाद भी पिड़ म �हीं आ
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पाता ह! ऐसा इसलिए ह, कोंनलि पीएसए एि ऐसा प्रोटी� ह, जो प्रोस्ट
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िी स्वसथ और रोगी, दो�ों ही प्रिार िी िोलशिाओं द्ारा ब�ाया जाता ह। ै
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यहीं पर हम सब िह सित ह ,”मजाि िि रहा ह का?!”
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